Nojoto: Largest Storytelling Platform

कुछ इस तरह याद आने लगी जैसे पतझड़ में बारिश होने लग

कुछ इस तरह याद आने लगी
जैसे पतझड़ में बारिश होने लगी
समझ आई कीमत रिश्ते की
 आई बारी जब घर लौटने की
वक़्त का हसीन सितम इस कदर दगा दे गया
दूर जाते वक्त तन्हाई का गम दे गया... #Yaad #writing #Poetry
कुछ इस तरह याद आने लगी
जैसे पतझड़ में बारिश होने लगी
समझ आई कीमत रिश्ते की
 आई बारी जब घर लौटने की
वक़्त का हसीन सितम इस कदर दगा दे गया
दूर जाते वक्त तन्हाई का गम दे गया... #Yaad #writing #Poetry