सुधरते सुधरते जिंदगी बिखर सी गई,अब तो बिगड़ने की चाहत सी हो गई है जो करीब है दिल के, उनसे भी झगड़ने की आदत सी हो गई है मालूम है कि बहुत ठोकरे है राहों में मगर गम नहीं अब खुद संभलने की आदत सी हो गई है - संजू निर्मोही . ©Sanju Nirmohi writer @sanjunirmohi #WinterFog kavita ranjan