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दिनभर चलता हूं कहीं पहुंचता नहीं खुदा का शुक्र है

दिनभर चलता हूं कहीं पहुंचता नहीं 
खुदा का शुक्र है मेरा ये सफर उम्र के साथ पूरा हो रहा है खुदा का शुक्र है
दिनभर चलता हूं कहीं पहुंचता नहीं 
खुदा का शुक्र है मेरा ये सफर उम्र के साथ पूरा हो रहा है खुदा का शुक्र है