✍✍✍✍✍ प्रेम , करुणा , ईर्ष्या , क्रोध जैसे भाव सर्वत्र व्याप्त होते हैं पर आप वही ग्रहण करते हैं जिसके आप योग्य हैं । ✍✍✍✍✍ ©Vivek Tripathi #Eligibility