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-परम सत्य योगपथ- सब जन सन्यासी हो जाएंगे तो, घर का

-परम सत्य योगपथ-
सब जन सन्यासी हो जाएंगे तो, घर का खर्चा कौन चलाएगा। सब जन आध्यात्मिक हो जाएंगे तो, गृहस्थ का धर्म कौन निभाएगा।
इसलिए हे प्यारे, तुम बस देखते रहो, संसार को, संसार में होने वाली गतिविधियों को,अपनी ही स्थितियों एवम् परिस्थितियों को। तुम नित्य प्रतिदिन बदल रहे हो, जो कल थे वो आज नहीं हो और जो आज हो वो कल भी नहीं रहोगे।
तुम बस कुछ एक क्षण के साक्षी हो, जिसे अपना जीवन समझ रहे हो..
हे प्यारे बस एक रूप हो , जिसे आपने प्रकृति का एक अहम हिस्सा समझ लिया है।
जबकि सच तो यह है कि, तुम्हारे न होने से पहले भी सब कुछ था, तुम्हारे न होने के बाद भी सब कुछ होगा।
इसलिए,
जिस क्षण के तुम साक्षी हो उसमें ही घुलमिल जाओ और आनंद स्वरूप हो जाओ।
हे प्यारे लाभ हानि, यश अपयश, सुख और दुख इन सबसे से ऊपर उठ जाओ....
जय श्री कृष्णा #मेरेएहसास केवल अध्यात्म
हे प्रभु भेजा है , यदि धरा पर हमें
तो नाम अमर कर जाऊँ मैं..
योगपथ साधक रहूँ प्रतिपल
जीवन आनंदमय गुजारूं मैं..
किसी की भावनाएं , न मुझसे आहत हो
हर चेहरे पर मुस्कान लेकर आऊँ मैं..
मुझे दे दो जगत के सभी "आंसूं और गम"
-परम सत्य योगपथ-
सब जन सन्यासी हो जाएंगे तो, घर का खर्चा कौन चलाएगा। सब जन आध्यात्मिक हो जाएंगे तो, गृहस्थ का धर्म कौन निभाएगा।
इसलिए हे प्यारे, तुम बस देखते रहो, संसार को, संसार में होने वाली गतिविधियों को,अपनी ही स्थितियों एवम् परिस्थितियों को। तुम नित्य प्रतिदिन बदल रहे हो, जो कल थे वो आज नहीं हो और जो आज हो वो कल भी नहीं रहोगे।
तुम बस कुछ एक क्षण के साक्षी हो, जिसे अपना जीवन समझ रहे हो..
हे प्यारे बस एक रूप हो , जिसे आपने प्रकृति का एक अहम हिस्सा समझ लिया है।
जबकि सच तो यह है कि, तुम्हारे न होने से पहले भी सब कुछ था, तुम्हारे न होने के बाद भी सब कुछ होगा।
इसलिए,
जिस क्षण के तुम साक्षी हो उसमें ही घुलमिल जाओ और आनंद स्वरूप हो जाओ।
हे प्यारे लाभ हानि, यश अपयश, सुख और दुख इन सबसे से ऊपर उठ जाओ....
जय श्री कृष्णा #मेरेएहसास केवल अध्यात्म
हे प्रभु भेजा है , यदि धरा पर हमें
तो नाम अमर कर जाऊँ मैं..
योगपथ साधक रहूँ प्रतिपल
जीवन आनंदमय गुजारूं मैं..
किसी की भावनाएं , न मुझसे आहत हो
हर चेहरे पर मुस्कान लेकर आऊँ मैं..
मुझे दे दो जगत के सभी "आंसूं और गम"
amaranand9347

Amar Anand

New Creator

#मेरेएहसास केवल अध्यात्म हे प्रभु भेजा है , यदि धरा पर हमें तो नाम अमर कर जाऊँ मैं.. योगपथ साधक रहूँ प्रतिपल जीवन आनंदमय गुजारूं मैं.. किसी की भावनाएं , न मुझसे आहत हो हर चेहरे पर मुस्कान लेकर आऊँ मैं.. मुझे दे दो जगत के सभी "आंसूं और गम"