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क्या बीत रही थी उसपे कोई जान ना सका। उसके अंदर की

क्या बीत रही थी उसपे कोई जान ना सका।
उसके अंदर की खामोशी कोई पहचान ना सका।।
कहते थे उम्दा कलाकार उसे।
पर सच कहूं कोई अपना मान ना सका।।
ये सिनेमा है दलदल इसने कितनो को खाया।
किसी ने पैसा किसी ने नाम है कमाया।।
मौत पे उसके रो पड़ा आसमान।
कहता सितारा मेरा आज लौट के है आया।।
बन्द करो उसके नाम पे जेब अपने भरना।
बन्द करो अपनी झुटी पब्लिसिटी के पीछे मरना।।
कहते हो कायर था वो इंसान।
सच यह है आसान नहीं है खूदखुशी करना।। #SushantSinghRajput Stop creating rumours about him please 🙏
क्या बीत रही थी उसपे कोई जान ना सका।
उसके अंदर की खामोशी कोई पहचान ना सका।।
कहते थे उम्दा कलाकार उसे।
पर सच कहूं कोई अपना मान ना सका।।
ये सिनेमा है दलदल इसने कितनो को खाया।
किसी ने पैसा किसी ने नाम है कमाया।।
मौत पे उसके रो पड़ा आसमान।
कहता सितारा मेरा आज लौट के है आया।।
बन्द करो उसके नाम पे जेब अपने भरना।
बन्द करो अपनी झुटी पब्लिसिटी के पीछे मरना।।
कहते हो कायर था वो इंसान।
सच यह है आसान नहीं है खूदखुशी करना।। #SushantSinghRajput Stop creating rumours about him please 🙏