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धर्म अधर्म के भंवर मे फंसा आदमी कभी नेकी कभी बेईमा

धर्म अधर्म के भंवर मे फंसा आदमी
कभी नेकी कभी बेईमानी करता है आदमी
जो मानता है सच उसे ही नाकारता आदमी
अपनी ही फेहरिस्त मे गुम, कहीं खोया है आदमी..

©मेरे ख़यालात.. (Jai Pathak)
  #आदमी