मैं कहने ही वाला था, पर वो ना जाने किस उलझन में थी जैसे किसी के इन्तजार में लम्बी साँसे ले रही हो हर घड़ी में जैसे उसको सदियो का दर्द मिल रहा हो अचानक मेरी नजर उस पर पड़ी तो वो किसी के बाहों में थी मेरे पैरो तले जमीन निकल गयी मानो कुछ आखों के सामने से चला गया हो कुछ ऐसा जो मैं सदियों से पाना चाहता था लेकिन अब वो कभी ना मिलने वाला हो चुका था उसकी खुशी मेरे लिए दौलत थी इस लिए मैं चुपचाप खड़ा रहा, और फिर उनका आलिंगन मेरे गले की फाँसी बनी जा रही थी, मैं करीब उसके पल भर भी ठहर ना सका वो चली गयी मैं देखता रहा उसको आखों से ओझल होने तक , मेरे दिल के टूट कर रोने तक मैं स्तबध्द था, बस सोच रहा था,, कि मैंने समझने में इतनी देर की..? ,क्युँ ना समझ सका वो मेरी कभी ना थी ... ,ना मैं उसके दिल में ना वो मेरी किस्मत में.....! #मेरी#अधूरी#कहानी#Nojotostorywriting#nojoto "गुमनाम" Varsha Singh Baghel(शिल्पी)