Unsplash ऐसा नाम निरंजन होए।। जे को मन जाने मन कोए।। अर्थ:- वह ब्रह्म प्रकाश जो पूरे स्पेस में है जहां से हमें श्वास आ रहा है! वह नाम रूपी प्रकाश जो कोई भी मैल से रहित है यानी शरीर से रहित है व आकार से रहित है।। उस नाम रूपी प्रकाश को वही मन जान सकता है, जेकर कोई मन ज्योति(जो के नैनो में निवास करती है,सबके!) किसी जागृत मन ज्योति यानी साधु जनों का संग कर ले।। ऐसे साधु जनों के मन का संग जो हमें ब्रह्म प्रकाश से जुड़ने की विधि व सकिल सिखा दे नेत्रों द्वारा एक्कदृष्ट समदृष्ट करने की कला सिखा दे! ऐसे साधु मन की संगत से कोई मन ज्योति उस ब्रह्म प्रकाश नाम को जान सकती है जो प्रकाश पूरे स्पेस में है और मैल रहित है।।🙏🙏 @hum.chakar.gobind.kay page! ©Biikrmjet Sing #नाम_साधुजन_गुरबाणी