"हिमांश" चल दिया अकेले राहों पर कि, मुक़म्मल ज़िन्दगी ऐसे ही बिताएगा चलकर कुछ ये ख़्याल आया कि, ये सिलसिला तो यू ही थम-सा जाएगा।। सिलसिला..!!!