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सूर्य देवता गुम हुए, दिनभर रहती छाँव अबकी सर्दी का

सूर्य देवता गुम हुए, दिनभर रहती छाँव
अबकी सर्दी काट रहे, रहकर अपने गाँव

पूर्णिमा के चाँद का, कुहरा करे घिराव
इस सर्दी की रात में , उगे पुराने घाव

हुआ ठंड की रात में , नव मित्रों से लगाव
एक चाय की प्याली और जलता हुआ अलाव

--प्रशान्त मिश्रा ठंड का महीना
सूर्य देवता गुम हुए, दिनभर रहती छाँव
अबकी सर्दी काट रहे, रहकर अपने गाँव

पूर्णिमा के चाँद का, कुहरा करे घिराव
इस सर्दी की रात में , उगे पुराने घाव

हुआ ठंड की रात में , नव मित्रों से लगाव
एक चाय की प्याली और जलता हुआ अलाव

--प्रशान्त मिश्रा ठंड का महीना