प्यार में झूठे रिश्ते बनते चले जाते हैं प्यार की कसमें क्यों झूठी खाते हैं जानते हैं एक दिन मुझे रोना ही पड़ेगा फिर उसे एकदम सच क्यों नहीं बताते हैं क्यों बार-बार हम यह प्यार का राउंड घुमाते हैं फिर से उस चक्कर में पड़ जाते हैं फिर वही झूठी कसमें खाते हैं