ये आँखे नशीली ये चेहरा ग़ुलाबी। नज़र है तुम्हारी सनम आफ़ताबी। जबसे तुमको देखा हुआ मैं शराबी। नज़र है तुम्हारी सनम आफ़ताबी। चाल है तुम्हारी प्रिये हिरणी वाली। उड़े जब ये जुल्फ़े लगे मेघ बरसाती। ये आँखे नशीली ये चेहरा ग़ुलाबी। नज़र है तुम्हारी सनम आफ़ताबी। सजनी💕💕