यार इस ज़माने में, ग़रीबी भी क्या चीज है , कैसे कैसे हालात में ,लोग जी जाते हैं। फटे कपड़ों से कभी ,ढाँकते फिरते बदन , कभी खुद्दारी में भूख का,ज़हर भी पी जाते हैं। कदम कदम कितनी तोहमद,कितने फ़िकरे, समझ के घूंट सब्र का हँसते हुए पी जाते हैं। ये जानते हुए कि हर अमीर उनसे से करता है नफ़रत, फिर भी उन्हीं का साथ निभा जाते हैं। यार इस जमाने में, ग़रीबी भी क्या चीज है , कैसे-कैसे हालात में ,लोग भी जाते हैं।। ©Anuj Ray यार इस जमाने में गरीबी भी क्या चीज है