हर घड़ी ख़ुद से लड़ी मैं, ख़ुद से उलझना बन गया है मुक़द्दर मेरा। मैं ही कश्ती हूँ अपनी, मुझी में है समंदर मेरा।। हर घड़ी... #हरघड़ी हर घड़ी ख़ुद से लड़ी मैं, ख़ुद से उलझना बन गया है मुक़द्दर मेरा। मैं ही कश्ती हूँ अपनी, मुझी में है समंदर मेरा।।