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धोखा दूँ किसी को मैं,फितरत में तो नहीं, पर आखिरी ह

धोखा दूँ किसी को मैं,फितरत में तो नहीं,
पर आखिरी है मेरा ये सलाम ज़िन्दगी!!

(Read full poem in caption) क्यूँ खुद से ही है लड़ रही हर शाम जिन्दगी,
क्यूँ खुद को ही ये कर रही बदनाम जिन्दगी,

इश्क़ लगता खुद से अब इसको रहा नहीं,
तभी मौत का है कर रही इंतज़ाम ज़िन्दगी!!

कहने भर के सब अपने हैं,साथ देते हैं नहीं,
अब दर्द से ही ले रही है काम ज़िन्दगी!!
धोखा दूँ किसी को मैं,फितरत में तो नहीं,
पर आखिरी है मेरा ये सलाम ज़िन्दगी!!

(Read full poem in caption) क्यूँ खुद से ही है लड़ रही हर शाम जिन्दगी,
क्यूँ खुद को ही ये कर रही बदनाम जिन्दगी,

इश्क़ लगता खुद से अब इसको रहा नहीं,
तभी मौत का है कर रही इंतज़ाम ज़िन्दगी!!

कहने भर के सब अपने हैं,साथ देते हैं नहीं,
अब दर्द से ही ले रही है काम ज़िन्दगी!!
uttamdixit7701

Uttam Dixit

New Creator

क्यूँ खुद से ही है लड़ रही हर शाम जिन्दगी, क्यूँ खुद को ही ये कर रही बदनाम जिन्दगी, इश्क़ लगता खुद से अब इसको रहा नहीं, तभी मौत का है कर रही इंतज़ाम ज़िन्दगी!! कहने भर के सब अपने हैं,साथ देते हैं नहीं, अब दर्द से ही ले रही है काम ज़िन्दगी!! #yourquote #yqbaba #yqdidi #yqhindi #सलाम #yqdiary #udquotes