पर, खुद को पहचानती हुई, गमों को भुलाती हुई , दिनों को तजुर्बों में बदलती हुई, ख्वाबों को हकीकत में बदलती हुई, अपनों और गैरों को पहचानती हुई , आंसूओं को खुशियों में बदलती हुई जीने के सही मायने जानती हुई , जा रही है। समय की रेत फिसलती हुई, ये मेरी उम्र ढलती हुई। #समयकीरेत #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi