जब ख्वाब कोई पिरोता है ठंडी सी हवाएं चलती हैं और सावन भाव भिगोता है पोर पोर से गीत उठे हर गीत में प्रेम रस होता है मन रेशम रेशम होता है हर बात उसी की होती है हर चितवन पर चैन खोता है सुथरी सुथरी मुस्कान लिए जब ख्याल कोई रंग लेता है चटक खिली फुलवारी सा मन रेशम रेशम होता है। (पूरी कविता अनुशीर्षक में पढ़ें) #मन रेशम रेशम होता है जब ख्वाब कोई पिरोता है ठंडी सी हवाएं चलती हैं और सावन भाव भिगोता है पोर पोर से गीत उठे हर गीत में प्रेम रस होता है मन रेशम रेशम होता है