कुछ गहरे अल्फ़ाज़:- "ऐतबार क्या कीजिए? दर्द-ऐ-दिल के हाल पे, मलाल क्या कीजिए? जिस्म के तलबगार है, यहाँ हर मोहसिन, जज़्बात तो किरायदार है, हर जगह पैसों पे उतरते लिबाज़ है, ©ALFAZ DIL SE #DrDanQuote #She_and_Society