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बड़ी हो गई ... छुटकी शादी से पहले सारा घर सिर पे उ

बड़ी हो गई ... छुटकी

शादी से पहले सारा घर सिर पे उठाए रखती थी ... ना खुद चैन से बैठती थी और ना किसी को बैठने देती थी ... और मेरा तो जानबूझ के जीना मुहाल करके रखती थी  ... शायद

 भाई कौन सी बोली थी ये कौनसी चॉकलेट उठा लाया ...
 ... 
घर में जूते पहन कर मत घूमा करो ... 

मेरा होमवर्क करदो ना प्लीइइइज ... 

आज आने दो पापा को सिगरेट पीने लग गए ना तुम ...

और मैं अक्सर चिढ़ के कहता ... औ बंदरिया शादी करनी पड़ेगी तेरी , तब आएगी इस घर में शांति ...

और उसकी शादी हो गई ... घर में शांति नही सन्नाटा पसर गया , मैं चॉक्लेट की दूकान की ओर भरे मन से देखते निकलता , जूते बाहर दरवाज़े की साइड में उतार के अंदर आता ... सिगरेट भी पीनी छोड़ दी ... 

 आज आई हुई थी दामाद जी के साथ ... मैं जूते पहने ही बैठक में घुस गया कि अब वो डांटेगी और मैं उसे चिढ़ाउंगा ... पर वो मुझे देखके हल्का सा मुसकुराई उठ के मेरे गले से लगी ...         " ठीक हो भाई "
और जाके वापस सोफे पे बैठ गई ... चुलबुली छोटी बहन मे आज मेरी शांत माँ दिख रही थी मुझे ,

यार ये बेटियां ब्याह के बाद इतना बदल क्यों जाती हैं ... ???

#_PARVEEN_SHARMA

©Chandra Pawan
  kahani