क्रोध में इतने जोश में आए जोश में होश ही भूल गए।। बरसों पहले खोदी जो खाई आज उसमे गिर गए क्रोध में इतने बेहोश हुए कि शब्दों की गरिमा भूल गए,,,,, इंसान कितना अच्छा होता है सुंदर होता है सादा होता है अच्छे-अच्छे शब्द बोलता है,,,,, पर कब तक जब तक उसकी परीक्षा होती क्रोध में तो वो अपना सबसे बुरा रूप होता है,,,,,