कभी यूं किसी से ख़फ़ा हुए, न मिले कभी न जुदा हुए। थे मरासिमों के वो क़र्ज़ कुछ, न जमा किए, न अदा हुए! کبھی یوں کسی سے خفا ہوۓ نہ ملے کبھی نہ جدا ہوئے تھے مراسموں کے وہ قرض کچھ نہ جما کیے نہ ادا ہوۓ #yqaliem #khafa #marasimon_ke_qarz #urduhindi_poetry