पलक के देख लेता में नज़र कैसे मिलाती तू पीठ में गड़ा खंजर सीने तक निकल आया महक कल कि मेहँदी की क़ातिल मुझको गयी समझा तू रहले खुश मेरे पीछे थामे हाथ जो भी हो उमर पल दो पल बची लेलो मगर कहो ना अब पलटने को ©Yash Verma #Chaldiye #alvida #khanjar #Dhoka #Broken #sadpoetry #FakeLove #OneSeason