खुद को तेरी यादों से निकालना अब नामुमकिन सा है, कैसे संभाल पाऊंगी खुद को फिर से अब संभलना नामुमकिन सा है । थोड़े पल की खुशी पाकरउम्र भर गम में हंसना अब नामुमकिन सा है, दिल लगाना तो दूर की बात है टूट कर बिखरे हुए हौसलों को अब समेटना नामुमकिन सा है।। ©Prachee Parasar नामुमकिन सा है... #melting #shayri #sadlove #adhurealfaz