पल्लव की डायरी आत्म शुद्धि करले, निज में लगाले ध्यान संयम के पथ पर बढ़कर,दस लक्षण को बनाले महान भव भवो में ना भटको,दस धर्म का दस दिन ग्रहण करलो सार भोगो से विरक्ती छूटेगी, बढेगा धर्म का ज्ञान संसार की चंचलता धूमिल होगी,नश्वर लगेगी काया उत्तम क्षमा की वर्गराये फूटेगी,आकिंचन लगेगी माया जब सत्य उदघाटित होगा, रोम रोम पुलकित हो जायेगा दान की महिमा जानोगे,अपरिग्रही बन जाओगे ब्रमचर्य का वर्ण करोगे,ब्रहम में रम जाओगे अंतर मन शोधित होगा क्षमाशील हो जाओगे तीनो लोको के जीवों पर, क्षमा की दृष्टी होगी कर्मो की गति मन्द पड़ जाएगी,मुक्ती रमा का द्वार दिखेगा तप त्याग तपस्या में खोजाओगे,दस लक्षण में जो धर्म की सीढ़ी चढ़ोगे,वो संयम का पथ बन जायेगा प्रवीण जैन पल्लव #seaside आत्म शुद्धि का पथ