तुम जिस शय्या पर शयन करो वह क्षीर सिन्धु सी पावन हो, जिस आँगन की हो मौलश्री वह आँगन क्या वृन्दावन हो, जिन अधरों का चुम्बन पाओ वे अधर नहीं गंगातट हों, जिसकी छाया बन साथ रहो वह व्यक्ति नहीं वंशीवट हो 😊 @:-प्रिंस राज*** #NojotoQuote तुम जिस शय्या पर शयन करो वह क्षीर सिन्धु सी पावन हो, जिस आँगन की हो मौलश्री वह आँगन क्या वृन्दावन हो, जिन अधरों का चुम्बन पाओ वे अधर नहीं गंगातट हों, जिसकी छाया बन साथ रहो वह व्यक्ति नहीं वंशीवट हो 😊