करते हैं रखवाली शहर की.. यही हमारा धर्म हैं :: कुत्ते हैं जी हम...... वफादारी हमारा कर्म हैं ।। कही दिख जाए गली में बैठे शांति से हम.... तो कुछ लोग पत्थर बाजी भी हम पर करते हैं । खुश हैं हम फिर भी हमको न कोई शर्म हैं।। कुत्ते हैं जी हम...... वफादारी हमारा कर्म हैं ।। रखवाली करने में हम किसी मे भेदभाव नही करते हैं। जो कोई प्यार से दे जाए उसके प्रति हम खड़े रहते हैं ।। लोगों में पता नहीं फिर भी हमारे प्रति क्या भ्रम हैं । कुत्ते हैं जी हम...... वफादारी हमारा कर्म हैं ।। कर्म में लिखा हुआ पाते हैं जो मिल जाये उसको खाते हैं, फिर भी पता नहीं क्यों हम हर जगह से भगा दिए जाते हैं । किसी के पास भी दिल नही क्या जिसमे हमारे प्रति मर्म हैं। कुत्ते हैं जी हम...... वफादारी हमारा कर्म हैं ।। कुत्ते हैं जी हम