#Pehlealfaaz के अब खुद के लिए नहीं जीना... अनुशीर्षक में पढ़ें! मेरे सपने जो मुझसे टूट गए, मेरे अपने जो मुझसे रूठ गए, जमाने की इस रफ्तार में, किसी मोड़ पे मुझसे छूट गए, मुझे उनको समेटना है, के अब खुद के लिए नहीं जीना, मुझे उनके लिए जीना है!