सुना है आज भी तुम निधिवन में आते हो, रास रचाते हो ............... राधा तुम्हें रिझाती है औ 'तुम राधा को रिझाते हो| वृन्दावन की गलियन में, , यमुना तट औ 'मधुवनमें, . ... प्रेम का पाठ पढ़ाते हो, राधा तुम्हें रिझाती है, औ 'तुम राधा को रिझाते हो || वृंदा के आलिंगन को, वायु के स्पंदन को, औ 'पीले सुरभित चंदन को, तुम ही महकाते हो, राधा तुम्हें रिझाती है औ 'तुम राधा को रिझाते हो||सुना है आज भी तुम निधिवन मेंआते हो , रास रचाते हो ' . #Nojoto #hindi poem #सुना है #आज भी# तुम निधिवन में आते हो