दोस्त मस्ती में थिरकते पाँव जैसा है इतना प्यारा कि, गाँव जैसा है अगर आसान भाषा मे कहूँ तो वो धूप में शीतल छाँव जैसा है दोस्त मस्ती में थिरकते पाँव जैसा है इतना प्यारा कि, गाँव जैसा है अगर आसान भाषा मे कहूँ तो वो धूप में शीतल छाँव जैसा है ऋषभ तोमर