New Year 2024-25 हम अक़्सर आगे बढ़ जाते हैं....... किसी के आँसू पोछने हो या किसी के घाव भरने हो किसी रोते को हँसाना हो या किसी का दर्द बांटना हो किसी का हाथ थामना हो या किसी को आगे बढ़ाना हो नाजाने क्यों हम आगे बढ़ जाते हैं वहाँ से जहाँ हमें ठहरना चाहिए हम अक़्सर आगे बढ़ जाते हैं..... ✍🏻सावन चौहान के ©Sawan #NewYear2024-25