जब तक सांस रहेगी सीने में तब तक सबसे ज्यादा अपने रुलाते हैं क्या रीत है जग की मरने के बाद भी रो रोकर अपने ही बुलाते हैं सकूँ दे जाते हैं अपनों से ज्यादा जब गैर अर्थी को कंधा दे जाते हैं, किसको इल्ज़ाम देना प्रीत पागल लगा थोड़ा और कश जिन्दगी का कोई चाहे ना चाहे एक मौत अपनी चल उसे गले लगाते हैं,,, 😢 ©Teरa PरeeT Saकshi #Mout unfinished_sentenc11 Jagsir Singh