हमारे दरम्यां, अब भी मुहब्बत ही है जांना तुम्हे देखूं तो, हो जाता है ये दिल आशिक़ाना। हमारे दरम्यां, है शहरे-दिल आबाद अब भी, छुपा रखा है यादों का, जहां पर इक ख़ज़ाना। हमारे दरम्यां, तकरार है इंकार और इक़रार भी है, मगर मुमकिन नहीं ऐ जाने-जां अब दूर जाना। हमारे दरम्याँ क्या है? Collab करें YQ Bhaijan के साथ। #humaredarmyan #yqbhaijan