लगे चेहरे पर चेहरे हैं हकीकत क्या पता किसकी ***मुखौटा ओढ़ती दुनियां खता न जाने हैं किसकी ***न हैं मुजरिम यहां पर दिल सजा मिल जाती हैं फिर भी*** न हैं शिकवा कोई दिल को बताएं हैं वफ़ा किसकी*** ©Savitri Parveen Kumar #sadak