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तू ख़ुदा है और तू ही मेरी इबादत। तुझसे ही प्यार है

तू ख़ुदा है और तू ही मेरी इबादत।
तुझसे ही प्यार है तुझसे ही चाहत।

तेरे सिवा कुछ ना चाहूँ मैं।
तू है तो है ज़िंदगी जन्नत।

तेरा हाँथ जब छु ले मेरे शीष को।
एहसास हो जैसे,पा ली है मन्नत।

तू बिन कहे समझ जाती है माँ।
मेरे हर कष्ट हर एक तल्ख़ीयत।

मेरे ख़ामोश लफ्ज़ से तू होती निराश है।
लगाकर सीने से मुझे,पढ़ लेती तबियत।

चाहूँ मैं छुपाना हर दर्द-ओ-ग़म तुझसे।
जाने कैसे जान लेती तू मेरी ख़ल्वत।

हमारे सुख के लिए भूल जाती ख़ुद को।
'नेहा' इसीलिए कहते माँ के क़दमों को ज़न्नत। 
🔴 "दोस्तों आप लोग कोल्लब (COLLAB) करने से
 पहले कैप्शन जरूर पढ़ लें"

🔴 " इस प्रतियोगिता का समय सीमा आज रात्रि 12:00 
बजे तक  ही मान्य होगा"

🔴 "दोस्तों यह ग़ज़ल प्रतियोगिता है आप लोगों के ऊपर
तू ख़ुदा है और तू ही मेरी इबादत।
तुझसे ही प्यार है तुझसे ही चाहत।

तेरे सिवा कुछ ना चाहूँ मैं।
तू है तो है ज़िंदगी जन्नत।

तेरा हाँथ जब छु ले मेरे शीष को।
एहसास हो जैसे,पा ली है मन्नत।

तू बिन कहे समझ जाती है माँ।
मेरे हर कष्ट हर एक तल्ख़ीयत।

मेरे ख़ामोश लफ्ज़ से तू होती निराश है।
लगाकर सीने से मुझे,पढ़ लेती तबियत।

चाहूँ मैं छुपाना हर दर्द-ओ-ग़म तुझसे।
जाने कैसे जान लेती तू मेरी ख़ल्वत।

हमारे सुख के लिए भूल जाती ख़ुद को।
'नेहा' इसीलिए कहते माँ के क़दमों को ज़न्नत। 
🔴 "दोस्तों आप लोग कोल्लब (COLLAB) करने से
 पहले कैप्शन जरूर पढ़ लें"

🔴 " इस प्रतियोगिता का समय सीमा आज रात्रि 12:00 
बजे तक  ही मान्य होगा"

🔴 "दोस्तों यह ग़ज़ल प्रतियोगिता है आप लोगों के ऊपर
nehapathak7952

Neha Pathak

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