विचारों का प्रहवा तुम खोल दो तुम बोल दो जो होगा वह देखा जायेगा क्या बुरा क्या अच्छा ये सवाल तुम छोड़ दो तुम बोल दो आंसुओ का समंदर भी थम जायेगा जो तुम दिल कि बात बोल दो बस तुम बोल दो बस तुम बोल दो बोझ ये मन का तुम उतार दो बोल कर मन को अहसास दो शून्य में गुम विचारों को तुम नया अवतार दो भावनाओं का राग प्रहवा है ये सुर दिल के घोल दो तुम बोल दो ©Rj green #dilkibaat #बोलदो