"अम्बर" अम्बर के कन कन को देखो,अनमोल छठा बिखेर रही है,सफेद मखमल की चादर पर जैसे लाल सिंदूर छिड़क रही है। निल सी हल्की नीली कहीं तो,कहीं से चादर है मट मैली, धुली हुई काजल सी मानो,सफेदी पर छाई है काली, बिखरे हुए धूओं को देखा,तो लगाजैसे कपास की रजाई ओढ़ी हो इसने, देख कर कवि मन संभले भी तो कैसे? लगा हर छटा कुछ कह रही हो। ।।धन्यवाद।। ***बीना*** #peace #अम्बर#the sky & its beauty.