तन्हा सही मग़र ख़ुद से भी मोहब्बत की जा सकती हैं.., अरमान अधूरे हैं पर आरज़ू तो की जा सकती हैं..! बेशक़ ज़िन्दगी घिस चुकी है ज़ख्मों से माना मग़र.., कारीगरी बेहतर हो तो रफ़ू की जा सकती हैं..!! -JAY D #love #alone #self-love #self-respect #poetry #poem #shayari #shayar