कुछ इस कदर असर कर गए है तुम की जो आग में दुनिया में लगाना चाहता था उसी में झुलस रहा हूं मैं। कुछ इस कदर बेबस कर गए हो तुम की जो मौत से इतना डरता था मैं आज उसी से लिपट जाना चाहता हूं मैं।। टूटे दिल कि दास्तां।