मुझे पढ़ना था, कुछ करना था बड़ो के जैसे कुछ बनना था मुझे नहीं पता अहंकार किसे कहते हैं पर रिश्ते बड़े थे उनके जैसा रोबदार बनना था गुस्सा दिखा जब मुझे मेरी औकात से रुबरू कर वाया जाना उनके रुतबे काअसर और अब वो रुतबा भी मुझे चाहिए था क्या पता था जब मेरा समय आयेगा तब रोबदार, अहंकार हो जाए गा गुस्सा मेरा मुझ पर भारी पड़ जाए गा मेरा रौब मुझे मेरी औकात से रुबरू कराये गा क्यों कि मुझे कुछ बनना था रिश्ते दारो के जैसा रौबदार बनना था