*इंसानी फितरत* 100 बाते दिल से बोली गई हो इससे उसे कोई फर्क नही पड़ता पर एक बात गुस्से में निकल जाए तो 100 बाते अपनी अहमियत खो देते हैं अब इसे नादानी कहे या लापरवाही सच तो यही है क्यों?🙋 ©Ankur Mishra *इंसानी फितरत* 100 बाते दिल से बोली गई हो इससे उसे कोई फर्क नही पड़ता पर एक बात गुस्से में निकल जाए तो 100 बाते अपनी अहमियत खो देते हैं अब इसे नादानी कहे या लापरवाही सच तो यही है क्यों?🙋 #इंसानीफ़ितरत