मेरे भी कुछ सपने थे, मैंने भी आसमा में, उड़ने के ख्वाब देखे थे। टूट गये सारे सपने , छूट गए जब मेरे अपने । शायद ना कर पाऊ पूरा उनको, शायद ना देख पाऊ ख्वाब दूसरे। अपनी ज़िंदगी के हसीन लम्हो से बनाया था उन्हें, जिन्दा दिली के रंगों से सजाया था उन्हें लेकिन अब क्या टूट चुके थे सारे सपने, छूट चुके थे मुझसे मेरे अपने। # emotional#missing someone