सियासत किसी को भी मिले बस इतना सा काम हो जाये! कोई ग़रीब अब ग़रीब ना रहे कुछ ऐसा इंतज़ाम हो जाये! बनती ग़ज़ल का एक शेर पेश ए ख़िदमत ❤💕 सियासत किसी को भी मिले बस इतना सा काम हो जाये! कोई ग़रीब अब ग़रीब ना रहे कुछ ऐसा इंतज़ाम हो जाये! ©चन्दन शर्मा "जाज़िब"