आज घर की मेरी इज़्ज़त सरे बज़ार नीलाम हुई हैं फाका कशी में बेटिया बहू खुले मैदान बदनाम हुईं हैं दिल से अजीज थी जो दर्द उसका केसे बताऊँ फैसल हया थी जो घर की मेरी आज बेपर्दह सरे आम हुई हैं फैसल मुरादाबाद #ruswaayeeरुस्वायी