जिस आँगन में पुत्र शोक से बिलख रही माता. वहाँ पहुँच कर स्वाद जीभ का तुमको कैसे भाता। पति के चिर वियोग में व्याकुल युवति विधावा रोती, बडे चाव से पंगत खाते तुम्हे पीडा नही होती। मरने वालों के प्रति अपना सद्व्यवहार निभाओ, धर्म यही कहता है बन्धुओ म्रतक भोज मत खाओ। चला गया संसार छोड कर जिसका पालनहारा, पडा चेतना हीन जहाँ पर वज्रपात दे मारा। खुद भूखे रहकर भी परिजन तेरहवाँ खिलाते, अंधी परम्परा के पीछे जीते जी मर जाते । इस कुराति के उन्मूलन का साहस कर दिखलाओ, धर्म यही कहता है बन्धुओ म्रतक भोज मत खाओ ।।।।। #NojotoQuote Nk