#Aurora#spmydream
सहानुभूति( Sympathy) और समानुभूति/परानुभूति ( Empathy)..मैं बस इतना कहूँगा की सामने वाला व्यक्ति कोई भी हो...चाहे जैसे भी चीजो को बताता हो। लेकिन हमें अपने विवेक का द्वार हमेशा खोलकर रखना चाहिए। मुझे लगता है कि ये जरूरी नही की जब हम पहले से पीड़ित हो, तो ही समानुभूति का भाव हम महसूस करे।हा, ये जरूर है कि तब परानुभूति का भाव जल्दी जाग्रत हो सकता है। ये सब बहुत-सी परिस्थितियों पर निर्भर करता है.... व्यक्ति का attitude और इमोशनल इंटेलिजेंस कैसी है.... ये सबसे ज्यादा मायने रखता