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मेला लगा प्रयाग में, पहुंँच रहे नर नार। गंगा में ड

मेला लगा प्रयाग में, पहुंँच रहे नर नार।
गंगा में डुबकी लगा, मिलती खुशी अपार।।
मिलती खुशी अपार, कुंभ की महिमा भाई। 
करने को कल्याण, यहांँ पर दुनिया आई।।
लोग कमाते पुण्य, मुक्ति की पावन बेला। 
बीते बारह साल, लगे संगम तट मेला।।

©Tarun Rastogi kalamkar #महाकुंभ2025
मेला लगा प्रयाग में, पहुंँच रहे नर नार।
गंगा में डुबकी लगा, मिलती खुशी अपार।।
मिलती खुशी अपार, कुंभ की महिमा भाई। 
करने को कल्याण, यहांँ पर दुनिया आई।।
लोग कमाते पुण्य, मुक्ति की पावन बेला। 
बीते बारह साल, लगे संगम तट मेला।।

©Tarun Rastogi kalamkar #महाकुंभ2025