"ऐ राही! तू सिर्फ मोहब्बत फ़रमाया कर, उस से बेवज़ह उम्मीदें मत लगाया कर, राह-ए-मोहब्बत की कोई मंज़िल नहीं होती, यह बात अपने दिल को समझाया कर।" "ऐ राही! तू तो यूंही इस राहगुज़र जाया कर।" #राह-ए-मोहब्बत #राहगुजर