कैद रहने का सलीका आ गया है श्रीमान चहरे पर मास्क से छुप गई है मुस्कान पता नहीं कौन वाहक हो भीड़ में मुस्कुराकर मैं घर पर ही रहूँगा रक्षा करना हे भगवान! आदित्य कुमार भारती टेंगनमाड़ा, बिलासपुर, छ.ग. #lockdown5.0