दिल और दिमाग. जैसे दरिया और आग! कोमल ,सुंदर मासूम होता है दिल वह नहीं बनाता किसी को कातिल! दिमाग जैसे दुधारी तलवार! हजार को शून्य, शून्य को कर दे हजार हार न नहीं चाहते अगर , जीवन के खेल! कर लो दिमाग का दिल से मेल ! ©Kamlesh Kandpal #dimag